Sunday, March 25, 2018

एक तमन्ना

"बेफिक्र मस्ती के संग मनमौजी स्वभाव,
कभी न रुकते कदम और वो स्वछन्द उड़ान,
ज़िन्दगी के उन क्षणों को जीना चाहता हूँ,
 मैं फिर से बच्चा हो जाना चाहता हूँ,"

"वो धूल भरे दगड़ो में दौड़ लगाना,
पेड़ पर लटकते फलो को पत्थर से गिराना,
पल भर में रूठना और फिर से मान जाना,
 उन पलों से फिर से झगड़ना चाहता हूँ,
मैं फिर से बच्चा हो जाना चाहता हूँ"

"पापा की मीठी फटकार, मां का वो दुलार,
भाइयों बहनो से होती वो मीठी तकरार,
मामा, चाचा के घर फिर से उधम मचाना चाहता हूँ,
मैं फिर से बच्चा हो जाना चाहता हूँ,
मैं फिर से बच्चा हो जाना चाहता हूँ"

"अक्स"