"कागज़ की किश्ती है जीवन ये मेरा
बारिश का पानी है इसका अँधेरा
उतरती है, डूबती है ये किश्ती मेरी
ढूँढने पर भी नहीं मिलता किनारा
कब उतरेगी जाने ये किश्ती मेरी
है मुझे तूफ़ान का भय सारा
कागज़ की किश्ती है जीवन ये मेरा
बारिश का पानी है इसका अँधेरा"
"जाती हैं जहाँ तक नज़रें ये मेरी
आता है नज़र बस अश्को का मेला
नहीं रोक सकता मैं अश्क किसी के
मुझको भी है इन अश्को ने घेरा
किश्ती मेरी लहराती है इन पर
नहीं इसमें कोई दोष ऐ मांझी तेरा
कागज़ की किश्ती है जीवन ये मेरा
बारिश का पानी है इसका अँधेरा"
"अक्स"
Tuesday, November 4, 2008
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