"जीवन के कुछ पल चिन्ह
दिल में संजो रहा हूँ
समेत कर उनको मैं
एक सूत्र में पिरो रहा हूँ
"कुछ पल, कुछ यादें
कुछ क्षण, कुछ बातें
संजोई हैं जो मैंने
उनको सजा रहा हूँ"
"पाया है जो भी मैंने
इस जीवन में आकर
उस पर इतरा रहा हूँ"
"जो कुछ नहीं था मेरा
खोने का उसको गम क्या
पाने को फिर भी उसको
मैं मन बना रहा हूँ"
"ये जिंदगी मेरी हमेशा
देती रही मुझको धोखे
फिर भी मैं जिंदगी को
खुशी से जी रहा हूँ "
"जीवन के कुछ पल चिन्ह
दिल में संजो रहा हूँ !"
"अक्स"
Thursday, October 30, 2008
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