"तन्हा अकेला निकल पड़ा हूँ मैं
वक्त नहीं मिला उसे साथ लाने का
सोचा उससे भी गले मिल लें
गम नाम है जिस परवाने का"
"मेरा साया भी मुझसे रूठा है
वक़्त नहीं मिलता उसे मनाने का
ज़माने की नहीं परवाह मुझको
जीवन नाम है इसी खोने पाने का"
"गले मिल खुशी से मैं खूब रोया
नहीं मिलता वक़्त उसे पाने का
बिछड उससे गम तो होगा मगर
गम भी इशारा है खुशी आने का"
"मैं सबसे मिला यूँ ही मगर
वक़्त न मिला ख़ुद को जान पाने का
जिसकी तलाश में निकला था तन्हा
वो साथ न मिला किसी दीवाने का"
"अक्स"
Monday, September 29, 2008
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