Wednesday, September 24, 2008

सार

"दुनिया में फैला अंधेरा
मेरे जीवन में सिमट रहा है
हर पल हर पहलू मेरा
धुँधला सा पड़ रहा है"

"उजाला ढूँढने की खातिर
जुगनू से लड़ रहा मैं
रोशनी के ख्वाब देखता
अंधेरो का आदी हो रहा हूँ"

"जाने किस कोने में छिपा उजाला
आँसू बहा रहा है
अंधेरा सीना तान खड़ा
ठहाके लगा रहा है"

"जज़्ब हो रहा अंधेरा मुझमें
हर पल मुझको निगल रहा है
उजाला दूर खड़ा एक कोने में
शर्म से गल रहा है,शर्म से गल रहा है"

"अक्स"

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